कई दफ़ा हम नहीं जान पाते कि हम कैसे जी रहे हैं लेकिन जब हमें बिन ढूँढे इस सवाल का जवाब मिल जाता है तो ऐसा लगता है कि हमसे ख़ुशकिस्मत इंसान इस दुनिया में नहीं है. आप कहीं भी रहो, आप कभी भी अकेले नहीं रहते आपके साथ आपका अनुभव, आपकी रिवायतें, आपके रिश्ते, आपका परिवार और आपका प्रेम जैसी कई चीजें आपके साथ रहती हैं. मैं पिछले कुछ दिनों में इन बातों को और बेहतर तरीके से जानकर आत्मसात कर पाया हूँ क्योंकि मैं एक ऐसे वातावरण का हिस्सा रहा हूँ जिसने मुझे ख़ुद के प्रति थोड़ा और दयावान होने की प्रेरणा दी है. मेरे जीवन के २१ सालों में मैंने अपने वातावरण और इस जीवन से कितना प्रेम किया है यह तो मैं नहीं जानता लेकिन मैं क्या सीख सकता हूँ इस प्रेम, विश्वास और समर्पण से उपजे मेरे जीवन से, यह ज्यादा स्पष्ट दीखता है मुझे. जब मैं अपने प्रियजनों से कई मील दूर अपने आपको टटोलने में वयस्त था तब यही प्रियजन मुझे मेरे जीवन के अनमोल क्षण का अनुभव देने की कोशिश में लगे हुए थे, जब आप ख़ु...