२१ साल और बातें


                                     कई दफ़ा हम नहीं जान पाते कि हम कैसे जी रहे हैं लेकिन जब हमें बिन ढूँढे इस सवाल का जवाब मिल जाता है तो ऐसा लगता है कि हमसे ख़ुशकिस्मत इंसान इस दुनिया में नहीं है. आप कहीं भी रहो, आप कभी भी अकेले नहीं रहते आपके साथ आपका अनुभव, आपकी रिवायतें, आपके रिश्ते, आपका परिवार और आपका प्रेम जैसी कई चीजें आपके साथ रहती हैं. मैं पिछले कुछ दिनों में इन बातों को और बेहतर तरीके से जानकर आत्मसात कर पाया हूँ क्योंकि मैं एक ऐसे वातावरण का हिस्सा रहा हूँ जिसने मुझे ख़ुद के प्रति थोड़ा और दयावान होने की प्रेरणा दी है. मेरे जीवन के २१ सालों में मैंने अपने वातावरण और इस जीवन से कितना प्रेम किया है यह तो मैं नहीं जानता लेकिन मैं क्या सीख सकता हूँ इस प्रेम, विश्वास और समर्पण से उपजे मेरे जीवन से, यह ज्यादा स्पष्ट दीखता है मुझे. जब मैं अपने प्रियजनों से कई मील दूर अपने आपको टटोलने में वयस्त था तब यही प्रियजन मुझे मेरे जीवन के अनमोल क्षण का अनुभव देने की कोशिश में लगे हुए थे, जब आप ख़ुद को भूलकर कुछ करने की कोशिश करते हो तो आपके कई सारे काम या ज़रूरतें आपकी मोहताज नहीं रह जाती, उन्हें यह प्रकृति पूरा करती है.
                    
                                गुजिस्ता दिनों में, मैं जब लोगों से बातचीत करते हुए उन्हें समझने की सीढ़ी पर अपने पैर जमाये खड़ा हुआ था, तब मुझे भान हुआ कि मैं केवल बातचीत के माध्यम से कितना कुछ सीख सकता हूँ, कितना अधिक मंथन की प्रक्रिया में जा सकता हूँ. जब आप विश्वास को प्राथमिकता देते हो तब आपको ज्यादा मजबूत जुड़ाव महसूस होता है क्योंकि विश्वास वह बीज है जहाँ से सारे रिश्ते जन्मते हैं, मैंने अपने जीवन के इतने अरसे में केवल तीन शब्दों से मुलाक़ात की है और वह हैं विश्वास, प्रेम और समर्पण. और कितना खुबसूरत होता है वह पल जब मैं इनसे मिलकर इन्हें जान पाता हूँ, इनसे बातें कर पाता हूँ, इसके अनुभव को बयां करने के लिए कोई शब्द नहीं. अपने जन्मदिन पर एक ऐसी जगह होना जहाँ मैं पहले कभी नहीं रहा और उन दिनों में पूरी तरह से चुनौतीपूर्ण माहौल का हिस्सा बनते हुए ख़ुद से बातचीत करना और बातचीत से सीखना, यह प्रक्रिया जिससे मैं पिछले दिनों गुज़रा हूँ मुझे सशक्त ही बनाती है. एक परिवार जो आपको सुनना चाहता है आपसे अपनी ज़िन्दगी के पलों को बाँटना चाहता है, ऐसे परिवार के साथ अपना जन्मदिन मनाना, इससे बेहतर तोहफा मेरे लिए नहीं हो सकता था. और उस पर भी जब आपके प्रियजन आप तक अपनी शुभकामनाएँ पहुँचाये, जो आप तक किसी व्हाट्सएप चैट से शुरु होकर, किसी मेल या किसी फ़ोन कॉल के रास्ते, कई सौ किलोमीटर का रास्ता तय करते हुए, रेगिस्तान के तपते माहौल में आप तक पहुँचकर आपके दिल को सुकून दे. यह प्रेम है सारे व्यक्तियों का जिन्होंने शुभकामनाओं की यात्रा को मुकम्मल किया है और उन सारे हाथों के प्रति भी कृतज्ञ हूँ मैं, जिन्होंने मेरे जन्मदिन को मेरी उम्मीदों से कहीं ज्यादा खुबसूरत और अनोखा बनाया.
                               

प्रेम, आभार और शुभकामनाएँ  💓💗

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