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अप्रैल, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

चलना....

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 Source-GoogleWallpapers एक रास्ता दिखाई पड़ रहा है जिस पर सब चले जा रहे है, बिना कुछ सोचे बिना कुछ समझे या तो किसी की बात मानकर या फिर किसी और के देखादेखी अपनी कोई सुनता ही नहीं है | सिर झुकाकर चला जा रहा है, लगता है इंसान भेड़ बन गया है अपने ही जीवन को डुबो रहा है किसी आगे चलने वाले को देखकर, ना खुद की कोई मंजिल चुनी है ना ही अपना कोई सपना देखा है, चल देता है अनजानी राह पर किसी के भी हांक देने से, गुम कर दी है सारी ख्वाहिशें खुद का रास्ता बनाता ही नहीं | कभी कभी लगता है इन भेड़ो की तरह चलने वाले इंसानों को, रोका जाये या नहीं ? थोड़ा मुश्किल भी लगता है खुद को इस सब से अलग रखना लेकिन अलग होना अनिवार्य भी हो गया है |                                                                                                       .....कमलेश.....

जिंदगी : इक तिलिस्म

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 Source-ShutterStock इक आसान सा खेल है  जिन्दगी नासमझ लोग ये जाने क्यूँ उलझकर इस फन में यह कहते है जिन्दगी इक अनसुलझा तिलिस्म है। मखमली सी राहें कुदरत ने बनाई है हर इंसान को एक हुनर बख्शा है तराश नही पाता ये इंसान खुद को पत्थर से खुदा को तराशने चला है रब ने कभी अलग ना समझा इसे पर खुदा को इसने बाँट लिया है इंसानियत को भुलाकर यह कहते है जिन्दगी इक अनसुलझा तिलिस्म है। उगता सुरज एक नई उम्मीद लाता है डूबता तारा एक ख्वाहिश छोड़ जाता है हिम्मत नही है खुद को सुन पाने की इस डर से इंसान डूबता चला जाता है खुद पर यकीन करना फितरत नही किसी की दूसरो पर बेतहाशा विश्वास किया जाता है खुद को औरों में खोकर यह कहते है जिन्दगी इक अनसुलझा तिलिस्म है ।                                   .....कमलेश.....

इक किताब है तेरा इश्क

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 Source-Google मेरा ठहरा हुआ ख्वाब है शायद अरसो है मुझमे आदत की तरह पढ़ने पर जिसको मिल जाते जवाब वैसी इक किताब है तेरा इश्क । जिक्र है जिसके हर पन्ने पर  तेरी मेरी बेपनाह मोहब्बत का  लिखावट में जिसके हर अल्फाज की एहसास है तेरी खूबसूरती का खुलने पर जिसके मुकम्मल होते ख्वाब  वैसी इक किताब है तेरा इश्क ।  किस्से कहता रहता है जिसका अंश तुम्हारी मेरी गहराती चाहत के सपने दिखाते है जिसके लफ्ज  अपनी खूबसूरत होती जिंदगी के समझने पर जिसको महक जाते गुलाब वैसी इक किताब है तेरा इश्क । गहरा है रंग इन अल्फाज़ो का तेरी काली लहराती जुल्फें जैसे महकती है जिसकी हर कहानी यूँ छेड़ती हो मुझे तेरी खुशबू जैसे घुलने पर जिसमे बहक जाता शबाब वैसी इक किताब है तेरा इश्क ।                                                                           .....कमलेश.....

जिंदगी जींए, समझौता ना करें ......

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एक घटना मेरे ज़ेहन में ताज़ा हो रही है, बात तब की है जब मेरे परिचित एक परिवार में किसी लड़के ने अपनी मर्ज़ी से 'लव मैरिज' कर ली थी | उस वक़्त जब यह बात घर पर पहुंची तो ऐसा लगा जैसे भूचाल आ गया हो, आनन-फानन में परिवार वालो ने अपने स्वाभिमान की खातिर बहु और बेटे को समाज से निष्काषित करवा दिया | कुछ समझदार व् पढ़े लिखे लोगों ने उस घटना को सही ठहराया लेकिन उनकी सलाह लड़के वालो के किसी काम न आई | उस लड़के का किसी गैर ज़ात की लड़की से प्रेम करना, उसके साथ रहने का फैसला करना यहाँ तक मुझे सब कुछ ठीक ठाक लगा लेकिन परिवार और समाज की उस स्वाभिमान की आंधी में वो दोनों बह जायेंगे ये जानकर मेरे ज़मीर को ठेस पहुची।  Source-The Spruce             गौर करने वाली बात यह है की हमारा समाज प्रेम करने वालों को इतनी हीन भावना से क्यों देखता है ? क्या सिर्फ इसलिए की वे अपने चाहने वाले के साथ अपनी ज़िन्दगी बिताना चाहते है | आज समाज की सोच को बदलने की ज़रुरत है , हमें चाहिए की हम प्रेम करने वालो का सम्मान करें | वैसे भी इंसान इतना गिरा हुआ जीव है जो एक तरफ तो प्रेम के चिन्ह भगवान श्री कृष्ण को पुजता है

खुबसूरत सी यादे तेरी

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 Source-Allen-Amber नज़रों से ओझल हो चुका है सब कुछ तेरे इतर कुछ नहीं है अब राहों में ठहर जाते हैं मंजर हर शाम को मेरे  खुबसूरत सी यादें तेरी साथ जब होती है । जज़्बातों से भरी आँखे,किसी के इंतजार में चौखट पर टिकी रहती,मिलने की आस लिए लौट कर आजा ए-जान-ए-वफा,फिर वहीं पर मिल कर हमने यादगार किये थे,पल जहाँ पर ख़्वाबों का गुलिस्तान सजाया है तेरे लिए चुन ली रातों की तन्हाई तब से अपने लिए  तेरी मोहब्बत में खुद को भुला कर फिर  मुकम्मल हमारी हर साँस जब होती है : खुबसूरत सी यादें तेरी साथ जब होती है। गुमनाम सी ख्वाहिशें दिल में दबी है अधूरी सी हसरत होंठो पे रह गयी है उतर आता है फिर सुकून चेहरे पर मेरे खुबसूरत सी यादें तेरी साथ जब होती है। खुबसूरत सी यादें तेरी साथ जब होती है।                                                                          .....कमलेश.....

एक सैनिक की जुबानी ...

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 Source-Oneindia वो रोज़ हम पर पत्थर फेकते है , हम उन पर  गोलियां नहीं दाग़ते  बल्कि उनको महफूज़ रखने की कोशिश करते है । जब कुदरत ने अपना कहर बरपाया  हमने जान पर खेल कर उनको बचाया , उस वक़्त ना मज़हब देखा ना ज़ात  सोचा तो बस देश और इंसानियत के बारे में । जब कभी आतंकीयो ने उनको सताया  हमारे दोस्तो की कुर्बानीयों ने बचाया । हम भी इंसान है इन सब की तरह  दिल हमारा भी तो धड़कता है वैसे ही , हमने पहली बार अपनी इज्ज़त  की खातिर  इनको सबक क्या सिखा दिया, हंगामा खड़ा कर दिया नैतिकता के इन् ठेकेदारों ने  तब क्यों वो पट्टी बांध लेते हैं ?  जब वो हम पर पत्थर बरसाते है , कौन प्यारा है ?हम पूछते है  ये पत्थरबाज़ या जाँबाज़ सैनिक !                                                       .....कमलेश.....

हक़ है मुझे ।

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 Source-7wallpapersstyle  तेरे अधरों से मुस्कुराने का तेरी आँखो में बसने का तेरी रातों को जागने का, हक़ है मुझे । तेरे कदमों से चलने का तेरी राहों पर ठहरने का तेरी मंजिल पर मिलने का, हक़ है मुझे । तेरी आवाज से बोलने का तेरे हाथों से लिखने का तेरे दिल में धड़कने का, हक़ है मुझे । तेरे गमों में डूब जाने का तेरे आँसूओ से रोने का तेरी तन्हाई में सुलगने का, हक़ है मुझे । तेरी बातों मेें छुपे होने का तेरी जुल्फों से खेलने का तेरी साँसो से जीने का, हक़ है मुझे । तेरी यादों में तड़पने का तुझसे मिलने को तरसने का तेरे ख्वाबों में सोने का, हक़ है मुझे ।                   ..... कमलेश.....

शायरी संग्रह

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 Source-webneel.com  आज फैसला हो ही जाऐ राधा श्याम को ढूंढने के लिए निकलती है और मै तुझको आखिर राज क्या है? सुना है खुदा की इबादत से बड़ा कोई इश्क नही लेकिन लगता है इश्क से बड़ी कोई इबादत नही । यह हकीकत है या कोहरा छाया हुआ है चश्मा उतारते ही सब कुछ धुँधला हो गया है । लगता है मेरी राते गुम हो गई शायद शाम ढलने के बाद सवेरा हो जाता है । मेरे दिल की हालत मोदी सरकार जैसी हो गई है हर रोज एक नई आरजू सामने आ जाती है । राहें भी कुछ अजनबीपन लिए हुए है, पता नही के मंजिल मिलेगी भी या नही । लगता है कि मैं आजकल बिजी रहने लगा हूँ, शायद तुझको याद करने से फुरसत नही है । ना हो मायूस मेरे दिल के मालिक, के मुलाकात जल्द ही होने वाली है । आँख बंद होने पर भी वो दिखती है और खुलने पर भी, समझ मे नही आता कि जागता रहूँ या सो जाऊँ । इस बार फिर उससे मुलाकात हुई मेरी, लगा के खुदा की इबादत कर ली हो ।                                       .....कमलेश.....

मोहब्बत की राह पर चलते हुए

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 Source-Ilovehdwallpapers इस बार की मुलाकात मे खुल जाएगे वो सारे धागे प्रीत के जो हमारे बीच अब तक थे बंधे हुए, तेरा दीदार होगा इस तरह के भुलाकर हर लम्हे को बिताएंगे सदियाँ हम दोनों खामोशी भरे उन पलों मे । लफ़्ज़ों को इंकार कर देना इस दफा आँखे बात करेगी अधूरी रह गयी बातों को अपनी धड़कने सुन लेगी, झुकाकर के अपनी नज़र तुम कर देना इकरार फिर से अपनी गहराती चाहत का जो बहुत समय से नही हुआ । तुमको अपने गले लगाकर अपना हक अदा करूँगा तुम्हारे ख्वाबों को सजाकर तुमसे मोहब्बत भी करूँगा, तुम्हारे दिल की मुंडेर पर जब मेरे प्यार की कोयल ऐसा कोई राग छेड़ देगी तुम सारा जग भुला दोगी । मैं आऊंगा तुमको अपना बनाने इस ज़ालिम ज़माने से जीतकर अपनी मोहब्बत को पाने सारी बन्दिशो को तोड़कर दूर चले जायेंगे हम दोनों मोहब्बत की राह पर चलते हुये ।                                      .....कमलेश.....

क्या ........ वाकई जायज़ है ?

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 Source-India Today आजकल बहुत सी खबरें हम पढ़ते हैं जैसे की एक सरफिरे के द्वारा लड़की की हत्या या फिर उस पर तेज़ाब उड़ेल दिया क्योंकि वो उससे शादी नहीं करना चाहती थी । सवाल यह है कि जब आप किसी से प्रेम करते है  तो उस शक्श पर इस तरह के नृशंस कृत्य करने की वजह क्या होनी चाहिए ? क्या सिर्फ इसलिए कि वो आप ही की तरह आपसे प्यार नही करना चाहता, क्या सिर्फ इतनी सी बात के लिए की वो अपनी दुनिया, अपने सपनो मे जीना चाहता है ।                                    युगों-युगों से चली आ रही इस पवित्र प्रेम भावना को ,इस पवित्र एहसास को आज समाज के संकुचित सोच रखने वालो ने अपने कारनामों से कलंकित कर दिया है ।                              प्रेम की इस राह मे  वैसे तो किसी भी शर्त का ज़िक्र नहीं है, तो फिर क्यों इन असामाजिक तत्वों को ये लगता है की अगर हम किसी से प्यार करते हैं तो वो भी हमें प्यार करेगा ही, ये बात तो गलत है कि आप प्रेम में रहकर शर्तें लागू करते है । इक खुबसूरत सी लाइन है इंग्लिश मे " देयर  इज नो रूल्स एंड रेगुलेशंस इन लव व्हेरेवेर इट इज, इट मीन्स इट्स अ डील नाॅट लव "। ले

प्रेम पंक्तिया

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 उतारा है जब से किसी ने खंजर दिल में इश्क का,           तब से बदलकर मैं फूलों का गुलदस्ता हो गया हूँ ।  अब और इंतजार नही कर पाता हूँ मैं,           शायद तेरे आने का वक्त हो गया है ।  अब और कोई नशा हो ना सके,           के तुझ-सी मोहब्बत हो ना सके ।  अकेला ही था मैं इतने अरसे से,           ठहरा जो तुझपे तो मसला बन गया ।  इस पार रहना मेरा मुनासिब रहेगा,           उस ओर आया तो शोर हो जाएगा ।  तेरे इश्क में हुई नासमझी ने,           सारी जिंदगी कोे समझा दिया ।  मत सोच मुझे इतनी गहराई से,          के तुझे देखने की हसरत हो जाए:          जमाना रह जाए इसी मोड़ पर,           हमें फिर तुझसे मोहब्बत हो जाए ।  मेरी तन्हाइयों को इस कदर मिटा दिया।                                        मेरी आँखो में अपना बसेरा बना लिया           मोहब्बत ने तुम्हारी दिये नये मायने           जोड़कर अपनी जिंदगी से जीना सीखा दिया ।  हर पल तुझको जीना चाहते है          तेरी सांसो में समाना चाहते है           यूँ तो सारी रात है जागे रहते           लेकिन तेरी बाँहो में सोना चाहते है ।                                        ...

देखता हूँ जब तस्वीर को तेरी

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 Source-Google देखता हूँ जब तस्वीर को तेरी सारे लम्हे सामने आ जाते है आ-जाता है जब तेरा काॅल (call) मानो के सितार बज उठते है । रूक जाता हूँ मैं आजकल ना जाने क्यूं चलते हुए ऐसा लगता है जैसे मुझे मुड़कर तुने आवाज दी है । निकला जब अपने सफर पे मेरी तुझसे मुलाकात हो गई दिल ने तब कहा मुझसे के कोई हसरत ही ना रही । तेरी गुलाबी आँखो को फिर से देखने का दिल करता है नींद से अक्सर जाग जाता हूँ तेरा सपना जब आता है । आज फिर मेरे हाथों ने रोका के तेरी इबादत, मैं ना करूँ जिद करता है फिर कमलेश के नशा तो अब वो ही करूँ जिदंगी भर जो उतर ना सके के तुझसी मोहब्बत हो ना सके ।                                .....कमलेश..... 

तुझसे इश्क हो गया है ..

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Source-Google इन हवाओ में घबराहट है मेरे कदमो में हड़बड़ाहट है काँपती है रूह आज क्यूँ ये कैसी जिंदगी की बनावट है । तेरे नाम को सुनने भर से आराम मिलता है दिल को आवाज तेरी जो गूँजती है भुल जाता हूँ हर पल को मुश्किल है ऐसे एहसासों को सबके सामने बयान् करना । बाँहो में तेरी जिस दिन सिमट जाएगी तन्हा शामें तेरे साये में फिर से यूँ गुजर जाएगी अकेली रातें आसान नही है ये कहना के तुझसे इश्क हो गया है ।                   .....कमलेश.....

तेरा मेरा रिश्ता

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 Source-Google जब भी उठती है मेरी कलम तेरे ही अफ़साने लिखा करती है राहें ये मेरी अक्सर मुझे तेरी ही गलियों में लाया करती है अजीब सा एहसास है क्यूँ तेरे और मेरे रिश्ते में । अक्सर कभी गपशप में अपनी उठ जाता है ये सवाल भी के क्या नाम है इस रिश्ते का ? मुस्काते हुए तब तू कहती है कुछ ख़ास ना समझो इसे रास्ता है ये एक दोस्ती का, सुनकर जवाब को तेरे सो जाते हैं अरमान मेरे जो तुझे देख जाग उठे थे । अचानक निडर होकर तुम जब छेड़ देती हो मुझे घोलकर अपनी साँसों में, करती हो प्यार फिर मुझे लगता है इससे हसीन नहीं ज़िन्दगी का कोई और लम्हा, मोहब्बत को तेरी पाकर करता हूँ खुद से सवाल अजीब सा एहसास है क्यूँ तेरे और मेरे रिश्ते में । तेरी कही हुई वो बाते आज भी याद है मुझे के मुझसा नहीं कोई तेरा, और साथ चलेगी तू मेरे थामकर मेरे हाथ को ज़िन्दगी की इस डगर में: दिए थे जो तोहफे तूने अज़ीज़ है मेरे आज भी जैसे हो मेरी जान इनमें। खिलखिलाकर हंसती जब तू सारी खलिश मिट जाती है करी है जब शरारत कोई मेरे सोये ख़्वाब जगा जाती है भर कर बाँहों में तुझे जब दूर हो जाता हूँ जहान् से कतरा कतरा इस कायनात का करता है मुझसे ये