पता
मैं भविष्य को नकार दूँगा जब कोई लिखेगा मुझे ख़त, मेरा अतीत हर उस दरवाज़े पर दस्तक देने के लिए आएगा; जहाँ मैनें कभी ठहरकर उसके वर्तमान के वर्तमान में, अपना पता छुपा दिया था। - कमलेश
जिंदगी की राहों से गुज़रते हुए अपने कुछ अनुभव साथ लिए चल रहा हूँ, यहाँ मेरे अन्तर्मन से उपजे प्रेम, समाज, जिंदगी, देश आदि के बारे में विचारों को आप पाएंगे ।