ज़िन्दगी और प्रेम की जोड़ी


जब ज़िन्दगी की शुरुआत होती है, तब हमारे पास अपने रिश्ते चुनने का कोई विकल्प नहीं होता, लेकिन ज़िन्दगी के रफ़्तार पकड़ने के बाद भी शायद हमारे पास वह विकल्प नहीं होता. अटपटा लग सकता है सुनने में लेकिन हकीक़त यही है कि हम कोई भी रिश्ता नहीं चुनते अपनी ज़िन्दगी में, रिश्ते हमको चुनते हैं उनको जीने के लिए.
               
                                 
भावनाओं का समंदर कितना गहरा है कोई नहीं जानता फिर भी सब डुबकियाँ लगाते हैं, हम नहीं जानते कि हमारी एक मुस्कान या एक शब्द किसी के जीवन में क्या बदलाव ला सकता है. ज़िन्दगी ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है यह तो मैं नहीं कह सकता लेकिन जितना कुछ इसके साथ रहकर सीखा है वह बहुत कमाल का है. रास्ते अपनी पहचान हमसे तब तक छुपाते हैं जब तक हम समर्पण न कर दें और समर्पण का पौधा विश्वास के बीज के बिना कभी भी नहीं उग सकता. विश्वास और समर्पण जब एक-दूजे में समाते हैं तब प्रेम पैदा होता है और प्रेम अपने कई स्वरुप में हमसे हर रोज़ बहता है.
         प्रेम का बहाव हमारी बातों से शुरु होकर हमारे मौन पर रुकता है या शायद वहाँ भी न रुकता हो: कौन जानता है कि सच्चाई क्या है! जब रिश्तों के धागे अपने सही रास्ते पर होते हैं तब ज़िन्दगी में खूबसूरती की बहार आती है ऐसा मेरा मत है. जब हम बेझिझक अपने दिल को खोल पाएं और ज़ाहिर कर पाएं अपने खालीपन को किसी के सामने, तब दिल कृतज्ञता और विनम्रता से भर जाता है. इस दुनिया में भाग रहे अनगिनत लोग हर रोज़ अपनी ज़रूरतों को पाने के लिए न जाने कितनी गलतियाँ करते हैं और उस वक़्त में दिल का एक बड़ा हिस्सा हमें धैर्य सिखाने की कोशिश करता है, प्रेम के साये में पल रहा मन हमें सिखाता है कि माफ़ी क्या होती है. धैर्य और प्रेम कितने अलग हैं पढ़ने में ये दो शब्द, लेकिन इनकी जड़ें वहीं बसती है जहाँ हम अपने रास्तों, अपने रिश्तों का सुकून महसूस करते हैं.
               जीवन की इस यात्रा में हम कितना प्रेम कर पाते हैं यह बताना ज़रा मुश्किल है लेकिन कर पाते हैं या नहीं यह तो हमें ज्ञात हो ही जाता है. मेरी नईया तो शायद इस समंदर में ही घूम रही है और मैं कृतज्ञ हूँ अपने सारे रिश्तों, रास्तों और दोस्तों के प्रति जिन्होंने मुझे चुना अपने इस सफ़र के लिए. मैं तैयार हूँ अपने सफ़र में अपने रिश्तों और दोस्तों का हमराही हो जाने के लिए, और शायद यही मुझे अपनी ज़िन्दगी के मायनों की राह से रूबरू करवाएंगे. आप किस बात का इंतज़ार कर रहे हैं अपने प्रेम में ग़ुम होने के लिए?

प्रेम और शुभकामनाएँ

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

गांव और देश का विकास

मुझे पसंद नहीं

सहमति और हम - भावनात्मक जीव