गांव और देश का विकास
Source - Financial Express हमारा देश इस वक़्त विकास के ऐसे दौर से गुज़र रहा है जिसमें हमें शहरों के साथ साथ गाँवो का विकास करने की भी बहुत ज्यादा आवश्यकता है । कुछ महात्वाकांक्षी लोगों की सोच काफी सही है कि अगर गाँव का विकास देश के विकास से जुड़ा है तो हमें गाँव का विकास राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की सपनों के तले करना चाहिए । वे कहते थे कि " मैं चाहता हूँ कि भारत के सारे गाँव खुद के प्रयासों से इतने आत्मनिर्भर हो जाएं कि उन्हें अपनी किसी भी ज़रुरत के लिए किसी और पर निर्भर नहीं रहना पड़े।" उक्त कथन से स्पष्ट है कि गाँधी जी गांवो को सम्पूर्ण विकास के बावजूद भी गाँव ही रहने देना चाहते थे। गाँव हमारे देश का प्रतिबिम्ब हैं जो प्रकृति के दर्पण में अपनी खूबसूरती लिए झलकता है या यूँ कहे कि इस देश का आँगन है गाँव। आँगन की परिभाषा है घर के सामने क...
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