विश्वास – जीवन जीने के लिए एक अपरिहार्य गुण


जब भी आप पीछे मुड़कर देखते हैं और अपनी जीवन यात्रा के बारे में सोचते हैं, तो एक ऐसी चीज है जिसके बारे में आप प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बेहद आभारी होंगे, वह है आपकी विश्वास करने की क्षमता। अविश्वास कारक के बारे में बहुत कुछ पढ़ने और चर्चा करते रहने के लिए उपलब्ध है कि हम जिस समाज में रहते हैं, वहाँ यह कैसे बढ़ रहा है, या जिस समाज में हम साथ रहने की योजना बना रहे हैं वहाँ कैसे उभर रहा है! लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि विश्वास कैसे अपनी भूमिका हमारे अस्तित्व में निभाता है। एक इंसान होने के नाते हम सभी "अजनबियों" पर भरोसा करने में पैदाईशी तौर पर सक्षम होते हैं; उस महिला से जो बच्चे को जन्म देती है, लेकिन बच्चे को उसके बारे में कुछ भी पता नहीं होता है, से लेकर अपनी उचित अंत्येष्टि की ख्वाहिश लिए किसी के हाथों में मरना।

आप जानते हैं कि इस दुनिया में, जीवन के किसी एक या अन्य बिंदु पर, हम वैसे व्यक्ति की तरह कार्य करते हैं, जो हमारी जीवन यात्रा का हिस्सा होते हैं और दूसरों के साथ भी उसी तरह का व्यवहार करते हैं। एक ही व्यक्ति के साथ नहीं, बल्कि दूसरों के साथ भी। ब्रह्मांड में हर कोई ‘तुम’ और ‘मैं’ में बंटा हुआ है, बस भूमिकाएं समय के साथ बदलती रहती हैं। हम कई बार गलत भी होते हैं, लेकिन उस समय हमें उसका एहसास नहीं होता है। इस प्रकार हमें विभिन्न विचारों और व्यक्तियों की भावना पर भरोसा करने की आवश्यकता है जो हर दिन बढ़ रही है। बस, किसी को भी सही या गलत समझना केवल एक भ्रम है जो समय के साथ बदल जाएगा। यह सब सिर्फ समय, विभिन्न स्थिति और परिस्थितियों का मामला है। हमें उन संबंधों को पूरी तरह से समझने और उन पर पूरी तरह से भरोसा करने के लिए पर्याप्त तौर पर सशक्त होना होगा।

विश्वास का कोई स्तर या पैमाना नहीं है। इसे कम विश्वास या तुलनात्मक रूप से अधिक भरोसेमंद स्तरों में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है। विश्वास एक ऐसी चीज है जो या तो शून्य है या पूर्ण है। अगर हम किसी पर भरोसा करते हैं, तो हम उन पर हर तरह से भरोसा करते हैं कि वे क्या कहते हैं और क्या करते हैं! अगर हमें अपने भीतर किसी तरह का संदेह है, तो हमारे अंतस में विश्वास जैसा कुछ नहीं है, और अगर ऐसा है तो हमें इस पर थोड़ा और काम करने की जरूरत है।

इसके अलावा, हमारी राय में, अगर हम भरोसा करते हैं और खुद पर विश्वास करते हैं, तभी हम दूसरों पर भरोसा करने की प्रवृत्ति विकसित कर सकते हैं। इसलिए यह वास्तव में यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी विश्वास करने की प्रवृत्ति पर भरोसा करें, अपनी अंतस की भावना, अपनी क्षमता में विश्वास रखें, प्रक्रिया पर भरोसा करें, वर्तमान क्षण पर भरोसा करें  और इस तरह हम स्वचालित रूप से दूसरों में विश्वास विकसित करने में सक्षम होंगे। मूल कदम यह है कि हमारी आँखों के आगे लगे परदों को हटाकर चीजों को कैसे देखना है तथा अच्छे, बुरे, ईमानदार, देखभाल, लापरवाह, प्यारे, चिड़चिड़े आदि जैसे विभिन्न लेबल लगाए बिना चीजों और लोगों को किस तरह देखना और उनसे जुड़ना है। इस तरह की शैली न सिर्फ हमें पूर्व-धारणाओं से बचाएगी बल्कि विश्वास की पूर्णता को महसूस भी करने देगी। यह हमारे देखने और जीने की हमारी क्षमता को मजबूत करेगा और वास्तविकता को नजरअंदाज होने से बचाता रहेगा।

जब हमारे आस-पास सब कुछ धुंधला दिखाई देने लगता है, तब हमें ख़ुद में देखने का अवसर मिलता है क्योंकि इस प्रकृति में आत्म-वृत्ति पर भरोसा करने के बारे में एक प्रचलित दृढ़ विश्वास है। जैसा कि उपरोक्त पंक्तियों में उल्लेख किया गया है कि जो व्यक्ति स्वयं पर भरोसा नहीं कर सकता वह दूसरों के साथ भी इसे पनपने नहीं दे सकता है। विश्वास करने की क्षमता एक ही समय में साहसी (courageous)और सुभेद्य (vulnerable) होने की शक्ति देती है क्योंकि यह व्यक्ति को पारदर्शी होने और चारों ओर से स्वयं तथा प्रकृति के प्रति वफादार रहने के लिए सुदृढ़ भी बनने देती है। जब कोई विश्वास के उस स्वाद के प्रेम में पड़ जाता है जो विश्वास की शक्ति में निहित है, तब उसका अंतस एक ऐसे स्थान पर होने के लिए असीम खुशी और संतुष्टि को महसूस कर रहा होता है, जहाँ तथाकथित पूंजीवादी दुनिया के संदर्भ में “व्यापार के बजाय सब कुछ” से एक दम परे विश्वास को जिया जा सकता है । नई दुनिया के सिद्धांतों ने लोगों का ब्रेनवॉश करके नहीं बल्कि उन्हें वह दिखाकर जो इस वास्तविक दुनिया में सोचने के लिए भी संभव नहीं है प्रतिस्पर्धा और अविश्वास के बीज बो दिए हैं। जो मैकेनिज़्म आपको हर गुजरते दिन के हिसाब से स्मार्ट और मज़बूत बनाने में सक्षम होने का दावा करते हैं, वे भ्रम के अलावा और कुछ नहीं हैं क्योंकि इस तरह के माध्यमों के ज़रिए यह संरचना आपके बाहर की दुनिया और अंतस के बीच की दूरी को बढ़ाकर आपको खुद से दूर करती जा रही है। विश्वास वह पहलू है जिसके अस्तित्व में होने से इन दोनों के बीच की खाई को आसानी से पाटा जा सकता है और कोई भी आसानी से आसपास की हर चीज पर भरोसा करने में सक्षम होने की शक्ति का लाभ उठा सकता है। इसलिए जैसा कि यह कहना कि दुनिया इसका एक दौर लेने के लिए बहुत छोटी है, लेकिन एक इकाई का अस्तित्व बहुत बड़ा है, इस पर संदेह करने के लिए कि यह कैसे रहता है और अपने स्वयं के जीविका के लिए कैसे काम करता है! कौन जानता है कि यह यात्रा कब समाप्त होगी और इसीलिए हम सब अधिक आनंदपूर्वक रूप से जीने के लिए एक काम तो कर ही सकते हैं, जोकि आस-पास की हर चीज पर भरोसा करना है, लेकिन दिल में प्रामाणिकता हासिल करने के इरादे के साथ! और दूसरों के लिए करुणामयी होना भी; क्योंकि यह एक बोनस है जो विश्वास करने की क्षमता के साथ अपने आप चला आता है। एक आखिरी बात जो हम अपने “स्वयं” से पूछ सकते हैं, कि हम अपनी समर्पण और दुनिया की हर इकाई पर विश्वास करने की क्षमता पर कितना भरोसा करते हैं!

- शुभांगी और कमलेश
To Read in English : https://memoirsofablessedsoul.blogspot.com/2020/05/trust-indispensable-quality-to-survive.html

"नोट - यह लेखकों के निजी विचार हैं."

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