फूल
माना कि इस देश में कीचड़ है,
और कीचड़ में
कमल खिलता है,
लेकिन एक सीमित अवधि तक;
कमल के सिरे ने
अब फड़फड़ाना शुरू किया है
उसे आभास हो चला है कि
जड़ें सड़ांध मारने लगी है,
लेकिन
मृत्यु से पहले तड़पने का हक़
इसका भी तो है ।
धूल तक की हैसियत नहीं
जिनकी,
वो कहते हैं कि फूल
देश का बाप है,
अरे हूक्मरानों कबूल करो,
के गांधी के बिना
इस देश का वजूद ही नहीं ।
.....कमलेश.....
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