Source - Time.com कुछ रातें ज़िन्दगी का आईना सामने रखती हैं। जब मैंने तुम्हें देखा अपने क़रीब बैठे हुए तो मैंने जाना कि प्रेम सबसे ताकतवर और असरदार हथियार है किसी भी लम्हें में ख़ुद को जी लेने के लिए। तुम प्रेम हो यह बात मैंने तब जानी, जिस दिन तुमने मुझसे कहा था कि हमारा रिश्ता प्रेम की बुनियाद पर खड़ा है। तुम्हें रखना किसी दिन के आठों पहर अपने सामने और खो देना तुमको ठीक अगले ही दिन ख़ुद में से, यह और कुछ नहीं मेरे प्रेम में डूबने के मार्ग को आसान बनाता है। मैंने यही चाहा है हमेशा कि प्रेम में खोकर, सब कुछ ही खो दिया जाये, प्रेम को भी! लेकिन मैं नहीं जानता यह कथन कितना सत्य है! जब तुम बातें करती हो, कई नदियों, जंगलों, शहरों और पर्वतों के पार से, तो मुझे कालिदास की याद आ जाती है। तुम कालिदास के लिए सदैव अकल्पनीय ही रही, केवल मुझे ही अब तक तुम्हें प्रकति के प्रेम के ज़रिए ख़त लिख सकने का सुख प्राप्त है। तुम्हें ढूँढना उगते हुए सूरज में, मुझे पंछियों की चहचहाहट से दूर नहीं करता। किसी रेगिस्तान में मैं तुम्हारी ख़ुशबू के क़रीब चला आता हूँ उसकी रेत को अपने हाथों में थाम लेने भर से। कोई भ...