कोटा वृतांत
४ मई २०१५, वो अपने पापा के साथ डकनिया तलाव रेलवे स्टेशन पर खड़ा था, ये भी नहीं जानता था की जाना कहा है । एक ऑटो वाले से पूछा “यंहा IIT की कोचिंग कहा है ?” ऑटो वाले ने जवाब दिया “कौन सी बिल्डिंग जाना है भैया ?” खैर उसने अपना बैग निकाला और देखा एक पुराने लैटर को जिसमे सबसे उपर CP लिखा हुआ था, लड़के ने कहा “जी CP ले चलो ।” ५मिनट के बाद वो अपने पापा के साथ CP TOWER में था । एडमिशन सेक्शन में जाकर उसने पूछा “ IIT JEE के लिए कहा एडमिशन होंगे ?’’ कुछ वक़्त बाद वंहा के हेल्पर ने उसे पूरी जानकारी दी और कुछ २ घंटे बाद वह भी कोटा का छात्र बन चूका था, उन १ लाख स्टूडेंट की लिस्ट में उसका भी नाम लिख चूका था जो यंहा हर साल सिर्फ कोचिंग करने आते थे । १० मई २०१५ , इंदिरा कॉलोनी का C -५१ मकान, फर्स्ट फ्लोर पर एक कमरे में बैठा ये लड़का एक साल बाद खुद को IITIAN बनते देख रहा था । शाम को ५ बजे ओरिएंटेशन सेशन में जाकर डॉ. प्रमोद माहेश्वरी का आत्मविश्वास से ओतप्रोत भाषण सुनकर रात के ९ बजे अपने हाथ मेें 4 किताबे और होठ पर हलकी मुस्कराहट लेकर अपने कमरे पर पहुंचा,...