जीवन यात्रा के २२ वर्ष और रोज़ पलटते पन्ने




 ख़तों में उपजी अभिव्यक्ति और भावों का सम्मिश्रण जीवन के पड़ावों में ख़ूबसूरती बिखेरता है! हम कितनी समस्याओं या चुनौतियों से जूझ रहे हैं यह हमारे प्रेम करने और जीने के तरीकों से इतर हमें कदम-कदम पर एहसासों की डोर थामे रहने की ताक़त देता है. लेखन से मुझे ख़ुद को व्यक्त करने में सक्षम होने की खुशी और संतुष्टि मिलती है। वह वक़्त सबसे ख़ूबसूरत होता है जब मैं अपने रिश्तों में उनके लिए नियत प्रेम और पलों को बाँट पाता हूँ और जो रिश्ते हवाओं के साथ धुँधला रहे हैं उनकी खुशबुओं को फिर महसूसने के अनुभव को आत्मसात कर पाता हूँ. दुनिया में प्रेम और करुणा के साथ जी सकने वाले अनगिनत कारण हैं जिनके ज़रिये आसपास पनपते दूषित माहौल का सामना करना ज़रा सहज और साहस भरा हो जाया करता है. मैं नहीं जानता कि कोई किस तरह मेरे किसी काम को देखता है लेकिन मेरे लिए यह महत्त्वपूर्ण है कि मैं ख़ुद के द्वारा किये गये काम, लिए गये फैसलों और जिए गये पलों को कैसे देखता हूँ!

समय ने मुझे विभिन्न रिश्तों और घटनाओं के माध्यम से प्यार और सहयोग को भारी मात्रा में मुझ तक पहुँचाया है। इस साल की शुरुआत में ख़ुद के लिए वक़्त निकालना और अपना ख़याल रखना जैसे इरादों का निश्चय करके काम करना शुरु किया तो उसने जीवन के अंगों में अलग ही स्फूर्ति पैदा कर दी. इन दिनों ने मुझे थोड़ा अलग सोचने, ख़ुद को गहराई से जानने और खुद को विभिन्न पुस्तकों, वार्तालापों, तरीकों और लोगों के साथ ख़ुद का विकास करने के लिए पर्याप्त समय दिया। इस तरह के आनंद और खुशी का अनुभव करना एक सुखद अनुभव रहा है जिसने मुझे अतीत की तुलना में खुद का एक बेहतर संस्करण बनने में सहायता की है। ऐसे समय में स्वयं के साथ जुड़ने में सक्षम होना जो मुझे केवल मामूली सी परिस्थितियों के कारण मेरे लिए दीवारें बनाने की पुरजोर कोशिशें करता है, मुझे एक अलग ही साहस और संतुष्टि का भाव देता हैं। पिछले कुछ दिनों में, मैंने अपने व्यवहार के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें भी सीखी हैं, जैसेकि कैसे मैं मुश्किल घड़ियों में अपना ध्यान ख़ुद पर या औरों पर केन्द्रित करता हूँ: और कैसे मैं अपने मूल्यों को उस समय चुनौती देता हूँ जब मेरे आसपास के माहौल के साथ सहयोग करना और सीखना मेरे लिए एक बड़े उद्देश्य की पूर्ति का क्षण होता है। 

हमेशा की तरह जीवन यात्रा में बहारें उस वक़्त अधिक ख़ूबसूरत लगती हैं जब सबसे अच्छी यादें परिवार के साथ रहने और परिवार के पहर सदस्य के साथ एक मजबूत संबंध विकसित करने का अनुभव करते रहने की हों। मुझे अपने काम और अपनी भविष्य की योजना के लिए घर से अप्रत्याशित स्वीकृति और स्वागत मिलने की अभूतपूर्व शुरुआत हुई है जिसके लिए मैं अपने परिवार के प्रति कृतज्ञ हूँ: हालाँकि उस भाव को पूर्ण रूप में व्यक्त करने के लिए किसी भी भाषा में कोई शब्द नहीं है। जीवन के कठिन दौर से विश्वास और प्रेम का यह रूप मेरे जीवन में भिन्न-भिन्न व्याख्याओं और प्रमाणों के साथ आ रहा है और मैं इसके लिए जीवन यात्रा में सहभागी रहे हर शख्स़ और कण का आभारी हूँ। यह समय स्वयं को व्यक्त करने, अपने संबंधों को सुदृढ़ करने, किताबों और लोगों के साथ रहने और नई-सोच के साथ दूसरे तरीके से सोचने के लिए स्वयं को चुनौती देने के संदर्भ में मेरे लिए अनोखा और अमूल्य प्राप्य है।

दुनिया में उपजते नफ़रत, बदला, द्वन्द, द्वेष, हिंसा, उदासी जैसे तमाम भाव के लिए मैंने कभी उत्तर ढूँढने की कोशिश शुरु नहीं कि क्योंकि वक़्त ने मुझे वह मौके खोजने में मदद की जिनमें मैं प्रेम, सहभागिता, विश्वास, करुणा, समपर्ण जैसे अनेक प्रभावी मूल्यों में अपने आप को खोज सकने की यात्रा का हिस्सा बन सकता हूँ. मैं नहीं जानता कि कैसे मेरे यह चंद शब्द जीवन का स्वरुप बदलेंगे लेकिन मैं अपने “आप” में पल रहे भावों और प्रेम को मेरे साथ संघर्षरत दुनिया के साथ बाँटना चाहता हूँ! मुझसे किसी भी तरह से जुड़े रहने या जुड़ाव महसूस करने वाले हर कण और जीव के प्रति मैं अपना आभार प्रकट करता हूँ. मैं साहचर्य और परस्पर-प्रेम की इस यात्रा में विश्वास और समर्थन का एक निरंतर स्तंभ होने के लिए भी आपको शुभकामनाएँ अर्पित करता हूँ। दुनिया के चंद उपद्रवी तत्व अपनी नादानियों और अन्य कारणों के चलते प्रेम से उगते पौधों को कितना ही नष्ट करने की कोशिश करें लेकिन सचाई यह है कि नफ़रत को सोख कर अपने प्रेम में विलीन करने की ताकत रखने वाले यह बीज दुनिया को बचाने की आस और साहस रखते से प्रतीत होते हैं मुझे!!! और अंत में मेरे जन्मदिवस पर अपने प्रेम और आशीर्वाद से अनुग्रहित करने के लिए कोटि कोटि आभार!

प्रेम और शुभकामनाएँ


टिप्पणियाँ

  1. जीवन जीना है , कैसे जीना सब
    बताएंगे। क्या सही, क्या ग़लत
    सब बताएंगे और उस के लिए सब के अपने मत अपने तर्क है।।
    पर सत्य इन से परे यही है कि हमारे बाद, हमारे पहले जो है और रहेगा वह है,
    प्रेम ।
    यदि वही निभा लिया तो समझो जी लिया तुमने ।

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