कुछ मेरा भी वक्त ज़ाया किया करो ।

कुछ मेरा भी वक्त ज़ाया किया करो,
कभी हमे भी फोन लगा लिया करो ।

रोज़ इसी राह से  काॅलेज जाते हो,
कभी तो देखकर मुस्कुरा दिया करो ।

दर्द होने लगेगा   तुम्हारे  पैरों में,
इतना भी बस का इंतजार ना किया करो ।

अपनी खूबसूरती यूँ छुपाया नही करते,
खुली रख के सुरत हमें भी दिखाया करो ।

बोर हो जाओगे किताबो को पढ़कर तुम,
कभी हमारे दिल को भी पढ़ लिया करो ।

                                     .....कमलेश.....

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

गांव और देश का विकास

मुझे पसंद नहीं

सहमति और हम - भावनात्मक जीव