सवाल
मेरे साथ राहों पर घूमते हुए,
मेरी साँसों के
चलने की वजह बनते हुए,
एक सवाल
तुमने
जो पूछ लिया था मुझसे
कि कहाँ तक
जाना चाहता हूँ तुम्हारे साथ ?
मैं
वहाँ जाना चाहता हूँ,
जहाँ तुम
अपनी धड़कन खुद सुन सको ।
जहाँ तुम
मेरे दिल को सहूलियत से पढ़ सको ।
मैं
वहाँ जाना चाहता हूँ,
जहाँ मैं
तेरी जुल्फों में अपना होश भूला सकूँ ।
जहाँ मैं
तेरे आँचल में अपनी जिंदगी बिता सकूँ ।
मैं
वहाँ जाना चाहता हूँ,
जहाँ हम
प्रेम की नई इबारत को लिख सकें ।
जहाँ हम
भूलकर सब कुछ इक दूजे में खो सकें ।
.....कमलेश.....
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