गुज़रना

मेट्रो स्टेशन पर बस का
इंतज़ार करते हुए,
मेट्रो के गुज़र जाने का गुमान नहीं होता ।
गुज़रना इंतज़ार का
और तुम्हारा
बिलकुल ही
अलग-अलग होगा मेरे लिए,
लेकिन सपनों के गुज़रने
और जिंदगी के गुज़र जाने में
अनगिनत समानताएं होंगी ।
तुम चाहो कभी मुझसे कुछ भी
तो मैं केवल
इतना ही चाहूँगा कि
गुज़रो कभी तो ऐसे गुज़रना
जैसे चुनावी वादा गुज़रता है ।
                          .....कमलेश.....

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