जागना
कल रात वो जागा था,
पसीने से लथपथ
आँखो में लाली
और
कंपकंपाते होंठ,
मैंने पूछा कारण तो कहने लगा
वही बहाने जो हमेशा से सुने हैं मैंने ।
ये दुनिया अभी सो रही है,
सब को एक साज़िश के तहत
गहरी नींद सुलाया गया है ।
जो जाग पड़ता है
उसे नहीं पता होता कारण,
अनायास ही इस तरह
अपनी नींद के टूट जाने का ।
जो लोग किंतु
मुश्किलों से ढूंढ लेते हैं,
कारण नींद के खुलने का
उनके लिए फिर एक गहरी साज़िश
इंतज़ार कर रही होती है ।
अगर नहीं बच पाया कोई
जो बिना जगाए जागा था,
तो महाभारत का अंत,
अर्जुन नहीं
कोई दुर्योधन लिख देगा
अपने गुनाहों भरे हाथों से,
जिसमें कोई अंक नहीं होगा ।
.....कमलेश.....
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