रिश्ता

किसी भी रिश्ते का अहम हिस्सा है कि आपने कितने ख़ुशी के पल एक दूजे के साथ बांटे हैं, वक़्त कितनी आसानी से हमें अजनबी से इतने गहन धागे में बांध देता है जिसका हमें पता भी नहीं लगता । अपनी ज़िंदगियों को जीते हुए हमें किसी मोड़ पर टकराना था यह नियति थी लेकिन हम उसे कितना आगे ले जाते हैं, चाहे फिर वो भावनाओं की बात हो या साथ समय व्यतीत करने की, हमारे फैसलों पर निर्भर करता है । प्रेम का होना किसी भी रिश्ते का अहम पहलू है जिसके बिना शायद कोई रिश्ता अपना अस्तित्व खो भी सकता है ।
        हर रिश्ता प्रेम के संचार और उसकी भावनाओं को सहेजकर साथ चलने के लिए बनाया गया है । जब आप अपने 'आप' को एक तरफ रख कर नि:स्वार्थ भाव से किसी भी रिश्ते को निभाते हैं तब विश्वास, करुणा, सच्चाई जैसे मूल्य अपने आप ही उसकी नींव बनकर उसे मजबूत करते हैं । नियति सभी को सब कुछ देती है मगर सवाल यह कि हम उसमें से कितना सकारात्मक और खुशनुमा रंग पहचान पाते हैं !

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