खुबसूरत सी यादे तेरी




Source-Allen-Amber

नज़रों से ओझल हो चुका है सब कुछ
तेरे इतर कुछ नहीं है अब राहों में
ठहर जाते हैं मंजर हर शाम को मेरे 
खुबसूरत सी यादें तेरी साथ जब होती है ।

जज़्बातों से भरी आँखे,किसी के इंतजार में
चौखट पर टिकी रहती,मिलने की आस लिए
लौट कर आजा ए-जान-ए-वफा,फिर वहीं पर
मिल कर हमने यादगार किये थे,पल जहाँ पर
ख़्वाबों का गुलिस्तान सजाया है तेरे लिए
चुन ली रातों की तन्हाई तब से अपने लिए 
तेरी मोहब्बत में खुद को भुला कर फिर 
मुकम्मल हमारी हर साँस जब होती है :
खुबसूरत सी यादें तेरी साथ जब होती है।

गुमनाम सी ख्वाहिशें दिल में दबी है
अधूरी सी हसरत होंठो पे रह गयी है
उतर आता है फिर सुकून चेहरे पर मेरे
खुबसूरत सी यादें तेरी साथ जब होती है।
खुबसूरत सी यादें तेरी साथ जब होती है।
                       
                                                 .....कमलेश.....

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