शायरी संग्रह
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आज फैसला हो ही जाऐ
राधा श्याम को ढूंढने के लिए निकलती है
और मै तुझको
आखिर राज क्या है?
आज फैसला हो ही जाऐ
राधा श्याम को ढूंढने के लिए निकलती है
और मै तुझको
आखिर राज क्या है?
सुना है खुदा की इबादत से बड़ा कोई इश्क नही
लेकिन लगता है इश्क से बड़ी कोई इबादत नही ।
लेकिन लगता है इश्क से बड़ी कोई इबादत नही ।
यह हकीकत है या कोहरा छाया हुआ है
चश्मा उतारते ही सब कुछ धुँधला हो गया है ।
चश्मा उतारते ही सब कुछ धुँधला हो गया है ।
लगता है मेरी राते गुम हो गई शायद
शाम ढलने के बाद सवेरा हो जाता है ।
शाम ढलने के बाद सवेरा हो जाता है ।
मेरे दिल की हालत मोदी सरकार जैसी हो गई है
हर रोज एक नई आरजू सामने आ जाती है ।
हर रोज एक नई आरजू सामने आ जाती है ।
राहें भी कुछ अजनबीपन लिए हुए है,
पता नही के मंजिल मिलेगी भी या नही ।
पता नही के मंजिल मिलेगी भी या नही ।
लगता है कि मैं आजकल बिजी रहने लगा हूँ,
शायद तुझको याद करने से फुरसत नही है ।
शायद तुझको याद करने से फुरसत नही है ।
ना हो मायूस मेरे दिल के मालिक,
के मुलाकात जल्द ही होने वाली है ।
के मुलाकात जल्द ही होने वाली है ।
आँख बंद होने पर भी वो दिखती है और खुलने पर भी,
समझ मे नही आता कि जागता रहूँ या सो जाऊँ ।
समझ मे नही आता कि जागता रहूँ या सो जाऊँ ।
इस बार फिर उससे मुलाकात हुई मेरी,
लगा के खुदा की इबादत कर ली हो ।
लगा के खुदा की इबादत कर ली हो ।
.....कमलेश.....
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