हक़ है मुझे ।


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तेरे अधरों से मुस्कुराने का
तेरी आँखो में बसने का
तेरी रातों को जागने का,
हक़ है मुझे ।

तेरे कदमों से चलने का
तेरी राहों पर ठहरने का
तेरी मंजिल पर मिलने का,
हक़ है मुझे ।

तेरी आवाज से बोलने का
तेरे हाथों से लिखने का
तेरे दिल में धड़कने का,
हक़ है मुझे ।

तेरे गमों में डूब जाने का
तेरे आँसूओ से रोने का
तेरी तन्हाई में सुलगने का,
हक़ है मुझे ।

तेरी बातों मेें छुपे होने का
तेरी जुल्फों से खेलने का
तेरी साँसो से जीने का,
हक़ है मुझे ।

तेरी यादों में तड़पने का
तुझसे मिलने को तरसने का
तेरे ख्वाबों में सोने का,
हक़ है मुझे ।

                  .....कमलेश.....

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