ख़ामोश
जुबान तुम्हारी काटना किसी के बस का नहीं, मगर फिर भी तुम चुपचाप तमाशा देखते हो । यह जो आजकल बहुत बोलता है ना, एक रात यही कतर जाएगा तुम्हारे कान; और फिर तुम सब ख़ामोश हो जाओगे । ...
जिंदगी की राहों से गुज़रते हुए अपने कुछ अनुभव साथ लिए चल रहा हूँ, यहाँ मेरे अन्तर्मन से उपजे प्रेम, समाज, जिंदगी, देश आदि के बारे में विचारों को आप पाएंगे ।