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ख़ामोश

जुबान तुम्हारी काटना किसी के बस का नहीं, मगर फिर भी तुम चुपचाप तमाशा देखते हो । यह जो आजकल बहुत बोलता है ना, एक रात यही कतर जाएगा तुम्हारे कान; और फिर तुम सब ख़ामोश हो जाओगे ।  ...

कुछ तुमने कुछ मैंने ...

दर्द के किस्से सुनाए कुछ तुमने कुछ मैंने, फिर सिसकियाँ सुनी कुछ तुमने कुछ मैंने । सारी तकलीफों की नुमाइशें करते करते, कई आँसू भी गिराए कुछ तुमने कुछ मैंने । देखा जब ज़ख्मों ...

उम्मीद

एक उम्मीद जब वह दिखे, तुमको किसी मासूम की आँखों में, तो कोशिश करना कि तुम उसे हौसला दे सको । दिख जाए तुम्हें जब वह, किसी के लाचार चेहरे पर चाह रखना कि तुम, मान रख सको उसका । इस तरह...

पाँच कवितायें

1. हिंदी - वर्तमान समय में मातृभाषा हिंदी के हालात को देखते हुए, ऐसा लगता है कि हमारी भाषा को अब एक अदरक वाली, कड़क चाय की ज़रूरत है ।                           2. तीन, दो, पाँच - पिछले ...

प्रतिक्रिया

तुम सब चाय को और अच्छा बनाने के लिए, नमक का प्रयोग करते हो, मैं नहीं करता । किसी के घाव पर नमक छिड़कना, अच्छी बात नहीं है । चाय का ऊबलना एक दर्द भरी प्रकिया है, और तुम नमक डालकर कर, ...

रोशन चेहरों की आँखों में

रोशन चेहरों की आँखों में भी, एक रात दिखाई देती है । इन सन्नाटों में भी अक्सर, मुझको आवाज सुनाई देती है ।। हर खामी का ठीकरा तु, दूसरों के सर पर ही फोड़ता है । इल्जाम लगाने के तेरे अ...

मैं

मैं वह नहीं, जिसके साथ तुम बाँट सको अपने ग़म, जिसको दिखा दो तुम गुज़रे हुए पल । मैं वह भी नहीं, जिससे तुम : उम्मीद रखो कि मैं तुम्हारी उम्मीदें पूरी करुंगा, जिस पर तुम्हें गर्व ह...

सच्चाई

मैंने देखी ग्यारह साल की ढोलक, और छः साल की बेक फ्लीप । ऐसा लगा कि जाकिर साहब और टाइगर श्राॅफ ने, व्यर्थ ही कर दिया जिंदगी को क्योंकि यह दोनों पूरी दुनिया को प्रशिक्षण दे सकत...

रात की खूबसूरती

रात की खूबसूरती में कुछ खोटा लगता है, तारों   की  आँख से  कुछ  टूटा लगता है । सूरज उगता तो है तेरी यादें साथ लेकर, मगर शाम को ढलने से मुकरने लगता है । होंठो पर ग़ज़लें तो है गुनग...

पूछना

तुम्हारा यह सवाल करना कि तुम कवितायेँ कैसे लिखते हो ? उतना ही स्वाभाविक है जितना कि तुम्हारा, एक गोलगप्पे वाले से पूछ लेना कि कैसे वो इतने अच्छे गोलगप्पे बनाता है ? इस सवाल क...

कविता

कुछ चेहरों को सच दिखाने पर, लोगों की आईने से लड़ाई हुई है । दरिया में डूब जाने पर मेरे, शहरों में महफिल सजाई हुई है । संभल कर रास्तों पर कदम रखना, बारुद जमाने ने शिद्दत से बिछाई ह...