सच्चाई
मैंने देखी
ग्यारह साल की ढोलक,
और छः साल की बेक फ्लीप ।
ऐसा लगा कि
जाकिर साहब और टाइगर श्राॅफ ने,
व्यर्थ ही कर दिया जिंदगी को
क्योंकि यह दोनों पूरी दुनिया को
प्रशिक्षण दे सकते हैं ।
उसकी हर थाप में सुनाई देती है
असंख्य संभावनाएं,
और हर बेक फ्लीप ने
दर्शन करवाया सारे खेलों का ।
मैं बस में था
फिर भी,
मेरे रास्ते खुले हुए थे ;
वह थे चौराहे पर
लेकिन
सारे रास्ते बंद ।
.....कमलेश.....
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें