ख़ामोश

जुबान तुम्हारी काटना
किसी के बस का नहीं,
मगर फिर भी
तुम चुपचाप तमाशा देखते हो ।

यह जो आजकल
बहुत बोलता है ना,
एक रात यही
कतर जाएगा तुम्हारे कान;
और फिर
तुम सब ख़ामोश हो जाओगे ।
                       
                                  .....कमलेश.....

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